श्री हनुमान जन्मोत्सव:
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वीर हनुमान का जन्मोत्सव है ख़ुश हैं आज ज़माना,
श्री राम- सेवक रूप मे आपको सबने है पहचाना।
बन-मार्ग मे देख श्री राम को सोच मे पड़ गये श्री हनुमान,
कोमल-पदगामी नर-नारायण 'हैं या कोई त्रिदेव भगवान।
मां सीता का पता लगाया जलधि लांघ गये श्री हनुमान,
आशीष प्राप्त करके ' सुरसा ' से विहंस चले आगे हनुमान।
सीता माता को दे कर धीरज,अपनी पहचान बताई थी,
दहन करके सोने की लंका ,अपनी धाक जमाई थी ।
नील और नल की मिली सहायता सागर पर सेतु बनाया था
सारे जग ने ' राम-सेतु ' को अद्भुत आश्चर्य ही माना था।
युद्ध मे जब असुर-सेना से लक्ष्मण ने अमोघ शक्ति भी खाई थी,
वैद्य सुषेण को घर सहित ला कर श्री हनुमान ने शक्ति दिखाई थी।
रावण ने युद्ध मे एक बार राम आदि को नागपाश में बांधा था,
लाकर श्री गरुड़ को हनुमान जी ने नागपाश से मुक्त कराया था
अहिरावण जब श्री राम को लेकर पहुंचा लोक पाताल,
मार गिराया अहिरावण को हनुमान पहुंचे लोक पाताल।
सेवक थे या अभिन्न मित्र थे निर्णय कोई न कर सकता,
वरदान मिला अमृत्व का उनको महिमा कोई न जाने सकता।
किस रूप मे हैं और कहां है कोई न जाने श्री हनुमान,
कृपा बनाए रखना स्वामी,हम सेवक तुम हो भगवान।
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़
Gunjan Kamal
09-Apr-2023 08:52 PM
बहुत खूब
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Muskan khan
07-Apr-2023 06:35 PM
Nice
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Sachin dev
07-Apr-2023 06:08 PM
Nice
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